नौकर ने रंडी बनाया (Naukar Ne Randi Banaya) | sex story in hindi

नौकर ने रंडी बनाया (Naukar Ne Randi Banaya) | sex story in hindi

नमस्कार दोस्तों sex story in hindi me, मेरा नाम ईशा है। अपनी सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊंगी कैसे मेरी नौकर से चुदाई हुई। तो चलिए अपनी कहानी शुरू करती हूं।

मेरा नाम तो मैंने आपको बता ही दिया है। मेरी उमर 30 साल है, और मैं एक शादी-शुदा औरत हूं। रंग मेरा गोरा है, और शरीर मेरा भरा हुआ है। मेरा फिगर साइज 36-30-36 है। क्योंकि मैं जिम जाती हूं, इसलिए मेरी बॉडी इतनी फिट है। मैं घर में ज्यादातर टाइट लेगिंग्स और टी-शर्ट पहनती हूं। बाहर जाने के टाइम मैं साड़ी भी पहन लेती हूं, और जींस-शर्ट भी, वो निर्भर करता है कि मैं कहां जा रही हूं।


मेरी शादी 4 साल पहले हुई थी। मेरे पति एक बिजनेसमैन है, और उनका कारोबार बहुत बड़ा है। ये बहुत बड़े लोग है, और हमारे पास बंगला, गाड़ी, पैसे, नौकर सब हैं। ये सारा खानदानी पैसा है, जो बढ़ता ही जा रहा है। मैं बहुत खुश थी, जब मेरी शादी इस घर में हुई थी तब। क्योंकि मेरे पापा एक सरकारी विभाग में काम करने वाले आदमी है। और सरकारी आदमी की आमदनी से घर की जरूरतें ही पूरी होती है, लेकिन शौंक पूरे नहीं होते। क्योंकि पापा और मेरे ससुर की शुरू से दोस्ती थी, तो उन्होंने मुझे अपनी बहु बना लिया।


शादी के बाद मैंने वो सब चीज़ें करी, जिनके लिए शादी से पहले मन मारना पड़ता था। मैं हनीमून के लिए उस देश में घूमने गई, जिसके वॉलपेपर अपने कंप्यूटर पर लगाया करती थी। मेरे पति ने मुझे वो वाली ज्वेलरी लेके दी, जिसकी मैं सिर्फ टीवी में एड्स देखती थी। मैं काम करने से हमेशा चिढ़ती थी, लेकिन अपने ससुराल में मुझे काम करने की कोई जरूरत नहीं थी, क्योंकि हर काम के लिए नौकर थे। सीधे-सीधे बताऊं कि दौलत की जो चका-चौंध हम फिल्मों में देख कर उसको पाने के ख्वाब देखते है, वो सब था मेरे पास।


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नौकर ने रंडी बनाया (Naukar Ne Randi Banaya) | sex story in hindi



शुरू के कुछ महीने मैंने बहुत मजा किया। लेकिन धीरे-धीरे इन सब चीजों का मोल कम हो गया। दोस्तों दौलत वालों के पास सारे ऐश और आराम होते है। कुछ अगर नहीं होता, तो वो है अपनों के लिए वक्त। कुछ महीने ऐश करने के बाद मेरे पति ऐसे काम में बिजी हुए, कि महीना-महीना मुझे उनकी शकल भी देखने को नसीब नहीं होने लगी।


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उसके बाद मैं कभी क्लब्स में जाती, कभी किटी पार्टीज में, लेकिन वो कहते है ना जो सुख सैयां की बाहों में होता है वो किसी पार्टी में नहीं मिल सकता। मिलना तो दूर पति से फोन पर बात करने के लिए कितनी देर इंतेज़ार करना पड़ता था। मेरी सब सहेलियां मुझे किस्मत वाली मानती थी कि मेरी शादी इतने बड़े घर में हुई थी। लेकिन वो ये नहीं जानती थी कि मैं अंदर से कितनी अकेली थी, और पति के प्यार के लिए तरसने लगी थी।


पति के प्यार की कमी, और जिस्म की आग मुझे तड़पा रही थी। फिर एक दिन मुझे एक पार्टी में अर्जुन नाम का लड़का मिला, जिसके साथ पहली मुलाकात ही मुझे उसके करीब ले आई। अर्जुन मुझसे 2 साल छोटा था, और उसका अपना छोटा सा बिजनेस था। वो दिखने में हैंडसम था, और उसकी पर्सनेलिटी बहुत चार्मिंग थी। अर्जुन ने अपनी चुलबुली बातों से मेरे मन को मोह लिया, और पता ही नहीं चला कि कब हमारी बातें शुरू हुई, और कब हमने मिलना शुरू कर दिया। मैं घर से खुद गाड़ी चला कर निकलती थी, और उससे ऐसी जगहों पर मिलती थी, जहां मेरे घर वालों के जाने का कोई चांस ना हो। लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिससे मेरी जिंदगी बदल गई, और मैं रंडी बन गई।


उस दिन अर्जुन और मैंने मूवी देखने का प्लान बनाया था। मैं घर से गाड़ी में निकली, और थिएटर पहुंच गई। वो थिएटर एक मॉल में था। वहां मुझे अर्जुन मिला, और हम दोनों ने हग किया। मैंने अपना मुंह स्कॉफ से कवर किया हुआ था, ताकि गलती से भी कोई मुझे देख ना ले। फिर हमने टिकट्स की, और थिएटर के अंदर चले गए। मूवी शुरू हुई, और हम साथ-साथ बात करने लगे। फिर बातें थोड़ी रोमांटिक हो गई, और आज पहली बार अर्जुन ने मुझे किस्स करने की कोशिश की। मैंने भी उसको मना नहीं किया, और हम दोनों किस्स करने लगे।


हमारी किस्स काफी लंबी और इंटेंस हो गई, क्योंकि हम दोनों को मजा रहा था। मैंने जींस और टी-शर्ट पहनी हुई थी। किस्स करते हुए अर्जुन ने टी-शर्ट के ऊपर से मेरे चूचे दबाने शुरू कर दिए। जिस प्यार के लिए मैं कब से तड़प रही थी, वो अर्जुन मुझे दे रहा था। और मैं उसको बिल्कुल रोकना नहीं चाहती थी।


हम दोनों पूरे गरम हो चुके थे। कभी वो मेरे होंठ चूस रहा था, और कभी गर्दन। इसके साथ वो लगातार मेरे चूचे दबा रहा था, और जांघें सहला रहा था। कभी-कभी वो अपने हाथ मेरी जांघों के बीच ले जाता, और जींस के ऊपर से मेरी चूत पर दबाव बनाता। मैं इतने मजे में थी, कि मुझे होश ही नहीं रहा कि हम थिएटर में थे, जहां और भी लोग थे।

ये सब करते हुए कब इंटरवल हुआ, मुझे पता ही नहीं चला। फिर हम बाहर आए, और रेस्टोरेंट में कुछ खाने के लिए लेने लगे। तभी मेरे नज़र गोकुल पर पड़ी।


गोकुल हमारे घर के 3 ड्राइवरों में से एक है। वो मेरे ससुर जी की गाड़ी चलाता है। मैंने जैसे ही उसको देखा, मेरी सिट्टी-बिट्टी गुल हो गई। वो भी मेरी तरफ ही देख रहा था। उसकी बीवी उसके साथ थी। जब मेरी नज़र उस पर पड़ी, तो उसने मुझे गुड मॉर्निंग मैडम कहा। मैंने भी उसको गुड मॉर्निंग कहा, और नॉर्मल रहने की कोशिश की। फिर उसने अर्जुन को देखा। अब मुझे समझ नहीं रहा था कि उसको क्या बोलूं।


फिर मैंने अर्जुन को उससे मिलाया ये कह कर कि अर्जुन मेरा कजिन था। मुझे लगा यहीं सही रहेगा ताकि उसको किसी तरह का शक ना हो, और वो ससुर जी को कुछ ना बताए, क्योंकि वो बहुत पुराना हमारे घर में लगा था, और ससुर जी उसके ऊपर बहुत विश्वास करते थे। गोकुल ने अर्जुन को भी गुड मॉर्निंग सर कहा। अब मुझे थोड़ी राहत मिली, कि शायद मैं बच गई थी।

फिर मैं और अर्जुन वापस अंदर चले गए, और अपनी सीट पर जा कर बैठ गए। तभी मेरा ध्यान पीछे गया, तो गोकुल और उसकी पत्नी भी उसी थियेटर में चुके थे। मैं देखना चाहती थी कि वो कहां बैठे थे, ताकि मैं थोड़ी सावधान रहूं। आगे बढ़ते हुए वो दोनों बिल्कुल हमारी पीछे वाली सीट पर बैठ गए। तभी गोकुल ने मेरी तरफ बड़ी अजीब सी नज़र से देखा, और हल्का सा मुस्कुराया।


अब मेरी गांड फट गई थी। मेरे मन में कईं सारे सवाल रहे थे। वो सवाल थे- क्या गोकुल शुरू से वहीं बैठा था? क्या उसने हमें सब करते देख लिया? अगर उसने पापा को बता दिया तो क्या होगा? अब मैं क्या करूं? उसको पूछूं के नहीं?

इन सारे सवालों के जवाब आपको आने वाले पार्ट्स में मिलेंगे। यहां तक की कहानी के लिए अपनी फीडबैक sexstoryhindi@gmail.com पर दें। sex story in hindi the end.


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